News: ब्यूरो प्रमुख नई दिल्ली दिसम्बर 20:

नई दिल्ली दिसम्बर 20:  à¤¦à¥‡à¤¶ में 9 नवंबर से 500 व 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने से कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में सरकार को कितनी सफलता मिली है, इसका खुलासा तो अभी होना बाँकी है। लेकिन नोटबंदी के बाद देश भर में व्यापार, उद्योग का पहिया थम गया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। थोक व खुदरा कारोबार हासिए पर पहुंच गया है। फैक्ट्रियों में भी उत्पादन ठप सा पड़ गया है। जिसके चलते लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। यहां तक कि नोटबंदी की मार से किसान भी नहीं बच पाए हैं। जिसका रबी की बुवाई पर इसका बुरा असर पडऩा तय है। नोटबंदी के इन्हीं नुकसानों से सरकार को अवगत कराने के उद्देश्य से इंडियन बिजनेस पार्टी (आईबीपी) ने राजघाट स्थिति महात्मा गांधी की समाधी पर एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया है। प्रार्थना सभा के जरिए सरकार से मांग की जाएगी कि उसका न सिर्फ कारोबारियों के प्रति रवैया संवेदनशील बने बल्कि बीते पचास दिनों के दौरान देश भर के कारोबारियों व किसानों को जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई के लिए यथा संभव राहत पैकेज दिए जाने की घोषणा की जाए।

आईबीपी के संस्थापक संयोजक बी के बंसल के मुताबिक नोटबंदी की मार से न सिर्फ लघु उद्यमी, किसान, कारोबारी, रेहड़ी-पटरी वाले, दिहाड़ी मजदूर व कामगार, नौकरी पेशा बल्कि आम आदमी पर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बाजारों में कारोबार 75 फीसदी तक घट गया है। फैक्ट्रियों में ताले लग गए हैं। बागानों में काम बंद है। लघु व गृह उद्योग ठप हो गए हैं। यहां तक कि बड़े उद्योगों में उत्पादन लगातार गिर रहा है। जिसके चलते कंपनियों में बड़ी संख्या में कामगारों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। लाखों मजदूर काम बंद होने और दिहाड़ी न मिलने से पलायन को मजबूर हुए हैं। इस सबके बावजूद राष्ट्रहित में न सिर्फ व्यापारी वर्ग बल्कि सभी देशवासी नोटबंदी के फैसले पर सरकार के साथ चट्टान की तरह मजबूती से खड़ा है।

केंद्र सरकार से करेंगे नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत पैकेज देने की à¤®à¤¾à¤‚ग:

बंसल का कहना है कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  à¤œà¥€ ने भ्रष्टाचार और कालेधन पर नकेल डालने के लिए नोटबंदी जैसा कठोर कदम उठाया है और इससे हो रही परेशानी से निपटने के लिए 50 दिन का समय मांगा है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि 30 दिसंबर के बाद देश  à¤®à¥‡à¤‚ नोटबंदी के बाद बने हालात सामान्य हो जाएंगे। लेकिन इस दौरान व्यापार व उद्योग जगत को जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई के लिए भी सरकार को कोई रास्ता अवश्य निकालना चाहिए। क्योंकि नोट बंदी  लागू होने से सबसे ज्यादा कारोबारी वर्ग प्रभावित हुआ है। नोट बंदी के बाद से कारोबार घट कर मात्र 25 फीसदी रह गया है। लिहाजा कारोबारी वर्ग को  इस बात का इंतज़ार है  कि  उक्त 50  दिन पूरा होने के बाद सरकार  कारोबारी समाज को कुछ राहत अवश्य प्रदान करेगी। जिससे कारोबार मे हुए नुकसान क़ी भरपाई हो सके।

इसी सम्बन्ध मे सरकार को कारोबारी समाज की भावनाओ से अवगत करने हेतु गाँधी समाधी राजघाट, नई दिल्ली पर भारतीय व्यापारी संघ ने 30 दिसंबर को 11.00 बजे से 1.00 तक एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया है। भारतीय कारोबारी वर्ग महात्मा गाँधी के समक्ष  प्रार्थना करेंगे कि केंद्र की  सरकार  कारोबारियों के  प्रति संवेदनशील हो तथा नोट बंदी के उपरांत कारोबार मे हुई हानि क़ी भरपाई हेतु कारोबारियों के लिए कुछ राहत पैकेज बनाये।

इंडियन बिज़नस पार्टी के बारे में:

इंडियन बिज़नेस पार्टी भारतीय इलेक्शन कमीशन द्वारा पंजीकृत एक राजनीतिक दल है ! जो 11  à¤•à¤°à¥‹à¥œ कारोबारियों कि एक राजनीतिक आवाज हैं, आईबीपी का उद्देश्य है कि यदि व्यापार बढ़ेगा तो देश बढेगा. इंडियन बिज़नेस पार्टी आगामी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब विधान सभा तथा दिल्ली नगर निगम के चुनाव लड़ने जा रही है !

 

 

 

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